Description
Mala made with Stepik beads, known for its energetic and balancing properties. The Stepik Mala is crafted from Stepik beads, which are recognized for their energetic and balancing effects. It aids in maintaining mental clarity and emotional stability. The Stepik Mala is also a Sphatik mala, known for its powerful healing and spiritual properties. It is primarily used for japa (chanting mantras) and wearing to promote a calm mind, increase intuition, cool the body, balance energy, and offer protection from negative energies and the evil eye.
Understanding the Significance of the Stepik Mala
The Stepik Mala is not just a decorative item; it holds significant spiritual value for many practitioners.
बहुत से लोग स्फटिक की माला या अंगुठी पहनते हैं। स्फटिक को नग के बजाय माला के रूप में पहना जाता है। हालांकि कुछ लोग इसका ब्रेसलेट बनवाकर भी पहनते हैं। इसका शिवलिंग भी बनाया जाता है। यह स्फटिक क्या होता है और इसके पहनने के क्या फायदे हैं और क्या इसे पहनने के नुकसान भी है? आओ जानते हैं स्फटिक के फायदे और नुकसान।
The importance of the Stepik Mala in daily meditation practices cannot be overstated.
Incorporating the Stepik Mala into your rituals can enhance your spiritual connection.
क्या होता है स्फटिक-
The Stepik Mala has unique properties that make it special among other types of malas.
स्फटिक को सफेद बिल्लौर भी कहा जाता है। अंग्रेज़ी में रॉक क्रिस्टल, संस्कृत में सितोपल, शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि कहते हैं। स्फटिक बर्फ के पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़े के रूप में पाया जाता है। कहते हैं कि यह सिलिकॉन और ऑक्सीज़न के एटम्स के मिलने से बनता है। यह बर्फ के समान पारदर्शी और सफेद होता है।
दरअसल, स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, निर्मल पत्थर होता है जो कि सफेद रंग का चमकदार दिखाई देता है। देखने में कांच जैसा प्रतीत होने वाले स्फटिक पत्थर से विशेष कटिंगदार मनके बनाकर मालाएं भी बनाई जाती हैं। यह फिटकरी की तरह दिखाई देता है। यह आसानी से मिल जाता है। फिर भी इसके असली होने की जांच कर ली जानी चाहिए।
असली स्फटिक की पहचान-
मार्केट में स्फटिक के नाम पर कांच की या प्लास्टिक की मालाएं मिलती हैं। लेकिन स्फटिक एक शुद्ध चमकिला पत्थर है। हाथ में लेने पर यह भारी और एकदम ठंडा लगेगा। इसकी चमक कभी भी खतम नहीं होती है। जब इसे रगड़ेंगे तो इसमें स्पार्क होगा। इसके मोती एकदम से पारदर्शी नहीं होते हैं। यह कभी भी मटमेला नहीं होता। इसकी माला अंधेरे में लाइट मरने पर चमकती है। इसके मोती पूरी तरह से गोल नहीं होते। इसकी माला के हर मोतियों का साइज अलग-अलग हो सकता है। कोई छोटा तो कोई बड़ा। क्योंकि इसकी कोई कटिंग नहीं होती है। हां, डायमंड कट माला के मोती एक जैसे होते हैं लेकिन वह बहुत महंगे मिलते हैं।
स्फटिक का मंत्र- स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है। इसके देवता कालाग्नि हैं। माता लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी गई है। इसका मंत्र है- ‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।।’
Chanting mantras with the Stepik Mala helps in focusing the mind and grounding one’s energy.
लाभ-
Using the Stepik Mala regularly can lead to improved mental clarity and emotional stability.
1.कहते हैं कि इसे पहनने से किसी भी प्रकार का भय और घबराहट नहीं रहती है।
Many individuals have reported positive changes in their lives after incorporating the Stepik Mala into their practices.
2.इसकी माला धारण करने से मन में सुख, शांति और धैर्य बना रहता है।
3.ज्योतिष अनुसार इसे धारण करने से धन, संपत्ति, रूप, बल, वीर्य और यश प्राप्त होता है।
4.माना जाता है कि इसे धारण करने से भूत-प्रेत आदि की बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है।
5.इसकी माला से किसी मंत्र का जप करने से वह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है।
6.इससे सोच-समझ में तेजी और दिमाग का विकास होने लगता है।
7.इसकी भस्म से ज्वर, पित्त-विकार, निर्बलता तथा रक्त विकार जैसी व्याधियां दूर होती है।
The Stepik Mala’s influence extends beyond the physical to emotional and spiritual realms.
8.स्फटिक किसी भी पुरुष या स्त्री को एकदम स्वस्थ रखता है।
9.स्फटिक की माला को भगवती लक्ष्मी का रूप माना जाता है।
10.स्फटिक की माला धारण करने से शुक्र ग्रह दोष दूर होता है।
11.स्फटिक के उपयोग से दु:ख और दारिद्र नष्ट होता है।
12.यह पाप का नाशक है। पुण्य का उदय होता है।
13.सोमवार को स्फटिक माला धारण करने से मन में पूर्णत: शांति की अनुभूति होती है एवं सिरदर्द नहीं होता।
14.शनिवार को स्फटिक माला धारण करने से रक्त से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है।
15.अत्यधिक बुखार होने की स्थिति में स्फटिक माला को पानी में धोकर कुछ देर नाभि पर रखने से बुखार कम होता है एवं आराम मिलता है।
नुकसान– यदि स्फटिक नकली है तो इसके क्या नुकसान होंगे यह कोई नहीं जानता। असली स्फटिक की प्रकृति ठंडी होती है। अत: यह शरीर में ठंडक पैदा करता है। ठंड में इसकी माला पहने रहने से शरीर और भी ठंडा हो जाता है। यह भी कहा जाता है कि यदि इसे ग्रहों के अनुसार नहीं पहना तो भी यह नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मतलब यह कि आपकी कुंडली या राशि के अनुसार यह आपको सूट होता है या नहीं यह भी देखना जरूरी हैं।

Understanding the benefits and potential drawbacks of the Stepik Mala is vital for proper use.
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