दक्षिणावर्ती शंख क्या है, असली की पहचान, स्थापना कैसे करें और इसके चमत्कारी फायदे* ?

*दक्षिणावर्ती शंख क्या है, असली की पहचान, स्थापना कैसे करें और इसके चमत्कारी फायदे* ?
पुखराज क्या है, कितने प्रकार
मित्रों सनातन धर्म में दक्षिणावर्ती शंख का अत्यंत महत्व माना गया है, पूजा एवं शुभ कार्यों में इसका प्रयोग किया जाता है इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन में हुई थी जो देवताओं और असुरों के बीच हुई थी, इस मंथन में चौदह रत्न प्राप्त हुए थे जिनमें शंख भी एक मूल्यवान रत्न है ।

धार्मिक कार्यों, विवाह एवं उत्सव में इसे बजाने की परंपरा है, शंख की आवाज अत्यधिक शुभ एवं मंगलकारी मानी गई है इसे स्थापित करने की विधि विधान है जो हम आपको इसी लेख में बताएंगे इसके अलावा सभी शंखों में दक्षिणावर्ती शंख सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।

दक्षिणावर्ती शंख घर में रखना अत्यंत शुभ है, यह आध्यात्मिक एवं वास्तु दृष्टि से बहुत ही शुभ माना गया है इसे घर में रखने से घर में सकारात्मक शक्ति का वास होता है, इसकी आकृति के अनुसार इन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, दक्षिणावर्ती = दाएं हाथ में पकड़ने वाला, मध्यावर्ती = खुले मुंह वाला शंख और वामवर्ती शंख बाएं हाथ में पकड़ा जाने वाला शंख है इन तीनों शंखों में सबसे अद्भुत शंख दक्षिणावर्ती शंख माना गया है।

दक्षिणावर्ती शंख की पहचान क्या है?

इसे महालक्ष्मी शंख और दाहिनावर्ती शंख के नाम से भी जाना जाता है, असली दक्षिणावर्ती की पहचान यह है की इसका पेट दाहिने ओर खुलता है, दक्षिणावर्ती शंख बहुत कम मात्रा में पाए जाते है।

खरीदने से पहले इन बातों का ध्यान रखें –

खरीदने से पूर्व इन बातों की जांच अवश्य कर लेनी चाहिए की यह कहीं से टूटा नहीं होना चाहिए या टूटे हुए पर मसाला लगाकर मरम्मत न किया गया हो ऐसा दक्षिणावर्ती शंख नही लेना चाहिए, रंगीन और टूटे हुए शंख का प्रयोग पूजा में नही करना चाहिए अन्यथा इसका कोई लाभ आपको प्राप्त नहीं होगा।

दक्षिणावर्ती शंख के चमत्कारी फायदे –

मित्रों दक्षिणावर्ती शंख अत्यंत दुर्लभ शंख है और यह माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रसन्न भी है इसलिए इसके अनेकों चमत्कारी लाभ भी हैं चलिए जानते हैं –

1. मान्यता है की यदि यह घर में हो तो शत्रु कितना भी शक्तिशाली हो वह आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता साथ ही साथ इसके सकारात्मक प्रभाव से मृत्यु का भय, चोरी और दुर्घटना आदि से रक्षा होती है ।

2. जिनके घर में दक्षिणावर्ती शंख होता है उनके घर में कभी धन धान्य की कमी नहीं होती, ऐसे परिवार में माता लक्ष्मी स्वयं निवास करती है, जिनके घर में विधि विधान के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना की जाती है ऐसे परिवार को नकारात्मक शक्तियों, भूत प्रेत आदि से कभी परेशान होना नहीं पड़ता ।

3. घर में माता लक्ष्मी को स्थाई रूप से निवास देने के लिए दक्षिणावर्ती शंख एक मात्र सबसे महत्वपूर्ण उपाय है पूजा में इसका प्रयोग करने से दरिद्रता, कर्ज और रोग आदि से हमेशा के लिए मुक्ति मिलती है।

4. दक्षिणावर्ती शंख का पूजा में उपयोग करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है, धन में वर्षा एवं सुख समृद्धि हेतु इसकी किसी से तुलना नहीं है ।

5. दक्षिणावर्ती शंख के प्रयोगों से माता लक्ष्मी की असीम कृपा बनी रहती है, लोगों का मानना है की दक्षिणावर्ती शंख की उत्पत्ति माता लक्ष्मी के साथ ही हुई है।

6. समुद्र मंथन के दौरान मिले 14 रत्नों में से जो शंख प्राप्त हुआ था वह माता लक्ष्मी को अत्यधिक प्रिय है इसीलिए जहां शंख होता है वहां माता लक्ष्मी का वास होता है, स्वर्ग में भी शंख का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है, धार्मिक एवं तांत्रिक कार्यों में इसका प्रयोग फलदाई माना गया है।

7. दक्षिणावर्ती शंख जहां उपस्थित होता है वहां गरीबी, बिजनेस में नुकसान, शोक, कार्यों में असफलता जैसी समस्याएं कभी उत्पन्न नहीं होती इसके अलावा जिनके जीवन में यह कष्ट है उसका निवारण जल्द ही हो जाता है।

8. अगर दक्षिणावर्ती शंख को तिजोरी अथवा दुकान के गल्ले में रखा जाए और नित्य धूप-दीप हों तो वहां इसका शुभ प्रभाव बना रहता है। इससे दरिद्रता का नाश होता है।

9. शंख सिर्फ माता लक्ष्मी का ही प्रिय नहीं है बल्कि यह भगवान विष्णु के लिए भी विशेष प्रिय है इसीलिए वे अपने हाथ में शंख भी धारण करते है।

दक्षिणावर्ती शंख का शुद्धिकरण कैसे करें –

धन लाभ के लिए शुद्धिकरण किया हुआ दक्षिणावर्ती शंख ही लाभकारी होता है, दक्षिणावर्ती शंख के सुद्धिकरण के लिए एक अच्छा लाल कपड़ा ले लें यहां लाल कपड़ा इतना बड़ा होना चाहिए की उसमें दक्षिणावर्ती शंख पूर्ण रूप से समा जाए इसके पश्चात (लाल कपड़ा सहित दक्षिणावर्ती शंख) पर गंगाजल डालें और किसी आसन पर बैठकर माता लक्ष्मी के निम्नलिखित मंत्र का 11 बार जाप करें ।

” *ॐ श्री लक्ष्मी सहोदराय नम* ”

इस प्रकार करें मंत्र का जाप –

सर्वप्रथम 4 से 5.30 मिनट (ब्रह्म मुहूर्त) पर उठकर स्नान आदि कर लें और दक्षिणावर्ती शंख की पूजा कर लें ऊपर दिए गए मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है परंतु शुक्रवार के दिन शुद्धिकरण और मंत्र का जाप करना यह आपके लिए अत्यंत लाभकारी है।

पूजा करने की स्पेशल विधि ?

घर में पूर्व दिशा की तरफ अपराह्न काल (दोपहर 12 बजे से लेकर रात्रि के 12 बजे) में सफेद कपड़ा बिछाकर अक्षत की ढेरी पर शंख की स्थापना करें और श्री हरी नारायण और माता लक्ष्मी का चित्र रखकर विधि विधान के साथ दशोपचार पूजन करें, शुद्ध गाय के घी से दीपक जलाएं, गुलाब की अगरबत्ती का प्रयोग करें, अक्षत, इत्र, रोली, मौली, हल्दी, लाल और सफेद पुष्प अर्पित करें, कच्चे दूध का भोग लगाएं और नीचे दिए मंत्रों का 1 – 1 माला जाप करें, पूजा करने के पश्चात कच्चे दूध का जलप्रभाव करें और दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर लक्ष्मी नारायण की आरती करें और जल का पूरे घर में छिड़काव करें।

पूजन मुहूर्त –

संध्या का पूजन मुहूर्त : संध्या 18:15 से शाम 20:15 तक।

दोपहर पूजन मुहूर्त : दोपहर 14:00 से दोपहर 15:00 तक।

पूजन मंत्र :-

दक्षिणावर्ती शंख पूजन मंत्र – ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लू शंखानिधये नम:

माता लक्ष्मी पूजन मंत्र – श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः

श्री हरी नारायण पूजन मंत्र – ॐ लक्ष्मीपतये नमः

दक्षिवार्ती शंख के कुछ प्रभावी टोटके :

हानि से बचाव हेतु – दक्षिणावर्ती शंख पर लाल पुष्प अर्पित कर जल का प्रवाह करें।

व्यापार में सफलता के लिए – दक्षिणावर्ती शंख पर अर्पित किए हुए 11 गेहूं के दाने अपने ऑफिस के दराज पर रखें।

आर्थिक समस्या से छुटकारा हेतु – जल से भरे दक्षिणावर्ती शंख से माता लक्ष्मी की आरती उतारकर अपने तिजोरी में छिड़काव करें।

घर में सुख समृद्धि के आगमन के लिए – दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिले जल से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

प्यार में सफलता के लिए – अपने घर के उत्तर दिशा में 2 दक्षिणावर्ती शंख एक साथ रखें ।

इच्छानुसार फल प्राप्त करने हेतु – दूध से भरे शंख द्वारा श्री हरी विष्णु का अभिषेक करें।

सौभाग्य के लिए – दक्षिणावर्ती शंख को केसरी रंग के कपड़े में लपेटकर अपने घर या कार्यस्थल पर रखें।

शिक्षा में सफलता के लिए – शंख पर चढ़े केसर द्वारा अपने नोटबुक पर “ह्रीं” लिखें।

पारिवारिक सुखों के लिए – दक्षिणावर्ती शंख हाथ में रखकर “ही श्रीं क्लीं शंखाय श्रीधराय नम:” मंत्र का 1 माला जाप करें।

दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना हो जाने के पश्चात रोजाना शंख की पूजा और दर्शन करें, इस शंख के प्रभाव से घर में दरिद्रता हमेशा के लिए दूर होती है, यश निर्माण होता है, संतान सुख की प्राप्ति, शत्रु से रक्षा एवं कीर्ति में वृद्धि होती है।

तंत्र जगत में दक्षिणावर्ती शंख का महत्व –

तंत्र जगत में दक्षिणावर्ती शंख का अत्यधिक महत्व है, अनुभवी लोगों का मानना है की विधि विधान द्वारा इस शंख में जल रखने से अनेकों बाधाएं दूर होती है, यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, यदि इसके जल को किसी स्थान, व्यक्ति पर छिड़का जाए तो यह टोना – टोटका, बुरी नजर आदि के असर समाप्त कर देता है ।

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