रुद्राक्ष के प्रकार ओर धारण विधि

हर इच्छा पूर्ति के लिए धारण करे रुद्राक्ष
कहते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान है। वह इतने भोले हैं कि जो भी उन्हें मन से याद करता है वह उसकी हर इच्छा को पूरी करते हैं।

2. भोलेनाथ

शायद यही वजह है कि विनाशक की भूमिका निभाने वाले भगवान शिव को उनके भक्त भोलेनाथ कहते हैं।
3. रुद्राक्ष का उद्भव

कई वर्षों तक तपस्या में लीन रहे भगवान शिव ने जब अपनी आंख खोली तब उनकी आंखों में से आंसू धरती पर गिरे। जहां पर शिव की आंख का आंसू गिरा था वहां एक रुद्राक्ष का पेड़ बन गया।

4. शिव के आंसू

शिव के आंसू कहे जाने वाले रुद्राक्ष 14 प्रकार के होते हैं जिनमें से प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करने की चमत्कारिक शक्ति रखता है।

5. चिंतामुक्त

कहते हैं कि पूर्ण विधि-विधान और शिव के आशीर्वाद के साथ रुद्राक्ष को पहना जाए तो उसे पहनने मात्र से चिंताएं दूर हो जाती हैं ।

6. एक मुखी रुद्राक्ष

एक मुखी रुद्राक्ष को शिव के सबसे करीब माना जाता है। वे लोग जो धन-दौलत और भौतिक चीजों का मोह रखते हैं उन्हें एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से पहले ऊँ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

7. दो मुखी रुद्राक्ष

शिव का यह रुद्राक्ष हर इच्छा पूरी करता है। इसे धारण करते समय ॐ नम: का जाप करना चहिए।

8. तीन मुखी रुद्राक्ष

व्यक्ति की हर इच्छा को पूरा करने का सबसे तेज माध्यम है तीन मुखी रुद्राक्ष। इसे पहनने से जल्दी से जल्दी इच्छा पूरी होती है। इसे पहनते समय ऊँ क्लीं नम: का जाप करना चाहिए।

9. चार मुखी रुद्राक्ष

इस रुद्राक्ष को ब्रह्मा का स्वरूप कहा जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:।

10. पांच मुखी रुद्राक्ष

वे लोग जो अपनी हर परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें पांच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:।

11. छ: मुखी रुद्राक्ष

इस रुद्राक्ष को कार्तिकेय का रूप कहा जाता है। वे लोग जो इसे धारण करते हैं उन्हें ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिलती है। इसे धारण करने का मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:।

12. सात मुखी रुद्राक्ष

वे लोग जिन्हें अत्याधिक धन की हानि हुई है और उनके पास इससे उबरने का कोई तरीका नहीं है, उन्हें इस रुद्राक्ष को पहनना चाहिए। इसे धारण करने से पहले ऊँ हुं नम: का जाप करना चाहिए।

13. आठ मुखी रुद्राक्ष

वे लोग जो रोग मुक्त जीवन जीना चाहते हैं उनके लिए आठ मुखी रुद्राक्ष एकदम उपयुक्त है। इस रुद्राक्ष के लिए मंत्र है ॐ हुम नम:।

14. नौ मुखी रुद्राक्ष

इस रुद्राक्ष को नौ देवियों का स्वरूप कहा जाता है। समाज में प्रतिष्ठा की चाह रखने वाले लोगों को नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।

15. दस मुखी रुद्राक्ष

इसे विष्णु का स्वरूप माना जाता है। हर प्रकार की खुशियों को पाने की चाह रखने वाले लोगों को इस रुद्राक्ष को पहनना चाहिए जिसका मंत्र है ॐ ह्रीं नम:।

16. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को रुद्रदेव का स्वरूप माना जाता है। हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इसे पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:।

17. बारह मुखी रुद्राक्ष

इस रुद्राक्ष को बालों में पहना जाता है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ क्रौं क्षौं रौं नम:।

18. तेरह मुखी रुद्राक्ष

विश्वदेव के स्वरूप में देखे जाने वाले इस रुद्राक्ष को पहनने वाले लोगों का सौभाग्य चमकने लगता है। इसे धारण करने से पहले ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

19. चौदह मुखी रुद्राक्ष

इसे स्वयं शिव का स्वरूप कहा जाता है जो समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है। इसका मंत्र है ॐ नम:।
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गुरुदेव भवानी ज्योतिषी
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                गुरुदेव भवानी ज्योतिषी

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