बिर मुद्रिका
बहोत दिनो से इस विशय पर खोज चल रहा है कुछ ने तो मंत्र तक छाप
दीये किताबो मे परंतु जब उनको पूछो इसको जगाने का विधि क्या है तो
फोन काट देगे.जब पता नही कुछ तो क्यू छाप देना मंत्रो को सिर्फ खुद
का नाम चलाने के लिये? बिर मुद्रिका बिर कंगन जैसे कार्य करता है सिर्फ फर्क
इतना है बिर कंगन मे 52 बिर 64 जोगिनी बाँध सकते है तो कुछ कंगन
51-52 बाँध सकते है और बिर मुद्रिका मे 1-2 या सिर्फ 1 बिर बाँध सकते है.बिर
कंगन साथ मे लेकर घूमना खतरे से खाली नही और मुद्रिका
पहेन कर घुम सकते है.बिर कंगन मे अष्ट या नव धातु और बिर मुद्रिका सिर्फ एक
धातु से बनता है.कंगन कई से काम ले सकते है मुद्रिका से
सीमित कार्य होते है.मैने कुछ ज्योतिषी देखे जो बिर मुद्रिका
पहेनकर बिना कुंडली देखे सारी बाते
बता देते है परंतु उन्होने मेहनत नही की है मुद्रिका बनाने
मे ये बात वो मानते है.जैसे “कान्होर्या बिर” इसको कुछ भी पूछो ये हर
खबर बताता है और ये आज तक चाँनल से भी आगे है,ये भूत भविश्य
भी बता देता है और बदलेमे कुछ नही माँगता.जब फूंक
लगाओ तब जागता है और बाकी समय भगवान जाने कहा होता है.इस
मुद्रिका को पूर्वषाढा नक्षत्र मे बना सकते है क्युके यह नक्षत्र अद्रुश्य
शक्ती को वश करने मे साहाय्यक
है.काले घोडे के नाल को शनी अमवस्या के दिन प्राप्त करे और इस नाल
को 7 बार शंख की ध्वनि सुनाये.जब अच्छे योग हो तो चन्द्र बल
देखकर नाल से मुद्रिका निर्माण करे.जिस दिन मुद्रिका बनाओ उसी दिन
उतरण और आपटा के पौधे को निमंत्रण देकर आये,निमंत्रण देते समय ये कहेना है
“मि आलो तुया कामासाठी,तू चाल
माया कामासाठी” और येसा कहेकर दूसरे दिन दोनो पौधो को उखाड़कर
लाये.दोनो पौधो के जड
को घर लाने के बाद छाव मे सुखाये और सुखाने के बाद शनिवार को रात्री मे
पंचाम्रुत से स्नान कराये और
हनुमानजी के मंदिर जाकर उनके चरणो मे रख दे,दूसरे दिन सवेरे सूर्य
निकलने से पहिले उन्हे घर पर लाकर
सम्भाल कर रखे.जब पूर्वषाढा नक्षत्र हो उस रात मे दोनो जड से (एक हाथ से
जल निकाले कुवे से
या हैंडपम्प से) जल डालते रहे मुद्रिका पर और मंत्र जाप करते रहे,जाप करते
समय गुर्र गुर्र
गुर्र….येसा ध्वनि सुनायी देगा तो डरना नही मंत्र जाप करते
रहे कुछ समय बाद आवाज
आयेगा “क्या चाहते हो मुझसे”तब मंत्र जाप बंद करदे और कान्होर्या बिर को
मुद्रिका मे स्थापित होने
का प्रार्थना करे और उसे वचन माँगे “जब मै तुम्हेजगाउन्गा तब बिना शर्त तुम मुझे
साहय्यता करना”,तब
वो वचन देकर चला जायेगा.
यह बिर मुद्रिका जिन्हे प्राप्त करना हो वह साधक मुझसे सम्पर्क करे.
इस पूजन कार्य हेतू जो भी शुल्क आदि लगता है , उतनी
ही दक्षिणा ली जाती है !
किसी भी प्रकार की जानकारी के
लिए इस नंबर पर फ़ोन करें : 09468533996
बहोत दिनो से इस विशय पर खोज चल रहा है कुछ ने तो मंत्र तक छाप
दीये किताबो मे परंतु जब उनको पूछो इसको जगाने का विधि क्या है तो
फोन काट देगे.जब पता नही कुछ तो क्यू छाप देना मंत्रो को सिर्फ खुद
का नाम चलाने के लिये? बिर मुद्रिका बिर कंगन जैसे कार्य करता है सिर्फ फर्क
इतना है बिर कंगन मे 52 बिर 64 जोगिनी बाँध सकते है तो कुछ कंगन
51-52 बाँध सकते है और बिर मुद्रिका मे 1-2 या सिर्फ 1 बिर बाँध सकते है.बिर
कंगन साथ मे लेकर घूमना खतरे से खाली नही और मुद्रिका
पहेन कर घुम सकते है.बिर कंगन मे अष्ट या नव धातु और बिर मुद्रिका सिर्फ एक
धातु से बनता है.कंगन कई से काम ले सकते है मुद्रिका से
सीमित कार्य होते है.मैने कुछ ज्योतिषी देखे जो बिर मुद्रिका
पहेनकर बिना कुंडली देखे सारी बाते
बता देते है परंतु उन्होने मेहनत नही की है मुद्रिका बनाने
मे ये बात वो मानते है.जैसे “कान्होर्या बिर” इसको कुछ भी पूछो ये हर
खबर बताता है और ये आज तक चाँनल से भी आगे है,ये भूत भविश्य
भी बता देता है और बदलेमे कुछ नही माँगता.जब फूंक
लगाओ तब जागता है और बाकी समय भगवान जाने कहा होता है.इस
मुद्रिका को पूर्वषाढा नक्षत्र मे बना सकते है क्युके यह नक्षत्र अद्रुश्य
शक्ती को वश करने मे साहाय्यक
है.काले घोडे के नाल को शनी अमवस्या के दिन प्राप्त करे और इस नाल
को 7 बार शंख की ध्वनि सुनाये.जब अच्छे योग हो तो चन्द्र बल
देखकर नाल से मुद्रिका निर्माण करे.जिस दिन मुद्रिका बनाओ उसी दिन
उतरण और आपटा के पौधे को निमंत्रण देकर आये,निमंत्रण देते समय ये कहेना है
“मि आलो तुया कामासाठी,तू चाल
माया कामासाठी” और येसा कहेकर दूसरे दिन दोनो पौधो को उखाड़कर
लाये.दोनो पौधो के जड
को घर लाने के बाद छाव मे सुखाये और सुखाने के बाद शनिवार को रात्री मे
पंचाम्रुत से स्नान कराये और
हनुमानजी के मंदिर जाकर उनके चरणो मे रख दे,दूसरे दिन सवेरे सूर्य
निकलने से पहिले उन्हे घर पर लाकर
सम्भाल कर रखे.जब पूर्वषाढा नक्षत्र हो उस रात मे दोनो जड से (एक हाथ से
जल निकाले कुवे से
या हैंडपम्प से) जल डालते रहे मुद्रिका पर और मंत्र जाप करते रहे,जाप करते
समय गुर्र गुर्र
गुर्र….येसा ध्वनि सुनायी देगा तो डरना नही मंत्र जाप करते
रहे कुछ समय बाद आवाज
आयेगा “क्या चाहते हो मुझसे”तब मंत्र जाप बंद करदे और कान्होर्या बिर को
मुद्रिका मे स्थापित होने
का प्रार्थना करे और उसे वचन माँगे “जब मै तुम्हेजगाउन्गा तब बिना शर्त तुम मुझे
साहय्यता करना”,तब
वो वचन देकर चला जायेगा.
यह बिर मुद्रिका जिन्हे प्राप्त करना हो वह साधक मुझसे सम्पर्क करे.
इस पूजन कार्य हेतू जो भी शुल्क आदि लगता है , उतनी
ही दक्षिणा ली जाती है !
किसी भी प्रकार की जानकारी के
लिए इस नंबर पर फ़ोन करें : 09468533996