पुखराज रत्न धारण करने से बदलेगी आप की किस्मत

पीले रंग का यह कीमती रत्‍न गुरू का रत्‍न होता है जिसे अंग्रेजी में ‘टोपाज’ कहते हैं। इस रत्‍न का स्‍वामी बृहस्‍पति है और यह हीरे और माणिक के बाद तीसरा सबसे कठोर रत्‍न है। यह मुख्‍य रूप से पीले रंग का होता है लेकिन अलग-अलग भौगोलिक स्‍थ‍िति के कारण ये पीले के पांच अलग-अलग शेड में पाया जाता है। सबसे अच्‍छा पुखराज नीबू के छिलके के समान पीला वाला माना जाता है। इसके अलावा हल्‍दी जैसा पीला, केसरी, सोने के रंग जैसा और पीलापन लिए हुए सफेद पुखराज इसके अन्‍य रंग हैं।

क्रिस्‍टल के रूप में पुखराज भी खदानों से निकाला जाता है। इसकी खदानें मुख्‍य रूप से रूस, श्रीलंका, अफगानिस्‍तान, नार्वे, इटली में हैं। लेकिन सबसे अच्‍छा पुखराज ब्राजील में पाया जाता है। भारत में हिमालयन क्षेत्र में पुखराज पाया जाता है।

 ज्‍योतिष और पुखराज के लाभ:

बृहस्‍पति एक शक्तिशाली ग्रह है। इस ग्रह की अच्‍छी दृष्‍टी जहां मानव को धनवान बनाती है और समाजिक सम्‍मान दिलाती है वहीं यदि यह विपरीत फल दे तो अत्‍यंत बुरे फल देता है। इसलिए पुखराज सभी नहीं पहन सकते। इसको खरीदने से पहले किसी अच्‍छे ज्‍योतिष शास्‍त्री से कुंडली दिखवा ले। कुंडली में इन परिस्‍थ‍ितियों में पुखराज पहनें:

बृहस्‍पति के ग्रह धनु और मीन लग्‍न वाले व्‍यक्तियों को पुखराज अवश्‍य पहनना चाहिए।
कुंडली में अगर बृहस्‍पति मेष,वृष, सिंह, वृश्‍चिक,तुला, कुंभ या मकर राशियों में स्‍थ‍ित हो तो पुखराज पहनना चाहिए।
मेष, वृष, सिंह, वृश्चिक, तुला, कुंभ या मकर में से किसी भी राशि में यदि बृहस्‍पति उपस्‍थित हो तो पुखराज पहनना लाभकारी होता है।
बृहस्‍पति अगर मकर राशि में हो तो पुखराज पहनने में देर नहीं करनी चाहिए।
बृहस्‍पति धनेष होकर नौवे घर में, चौथे घर का स्‍वामी होकर ग्‍यारवें भाव में, सातवें भाव का स्‍वामी होकर दूसरे भाव में और भाग्‍येश होकर चौथे भाव में हो तो पुखराज पहनना शुभ फल कारक होता है।
उत्‍तम भाव में स्थित बृहस्‍पति यदि अपने भाव से छठे या आठवें स्‍थान पर स्‍थ‍ित हो तो पुखराज जरूर पहनना चाहिए।
बृहस्‍पति की महादशा में या किसी भी महादशा में बृहस्‍पति का अंतर हो तो भी पुखराज पहनना लाभकारक होता है।
विवाह में अड़चने आती हो तो शुभ कार्यों का कारक बृहस्‍पति के रत्‍न पुखराज को धारण करने विवाह शीघ्र हो जाता है।
पुखराज पहनने से हमारा मन शांत होता है और बुरे विचारों में कमी आती है।

पुखराज धारण करने के बाद अच्छा स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ, लम्बी उम्र और मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है! जिन कन्याओ के विवाह में विलम्भ हो रहा हो उन्हें पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए, मेरे अनुभव से पुखराज धारण करने से कन्याओ का विवाह अच्छे घर में होता है! जिन दम्पत्तियो को पुत्र की लालसा हो उन्हें भी पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए क्योकि ब्रहस्पति पति और पुत्र दोनों कारक होता है, लेकिन इसका ध्यान अवश्य रखा जाए कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य कर लें।

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