धनतेरस की रात क्यों जलाए जाते हैं 13 दीपक? जानें यमराज से लेकर लक्ष्मी के लिए, कहां रखें कौन सा दीया

दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस या धनत्रयोदशी से होती है। इस दिन धन के देवता कुबेर, आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस पर्व पर नई खरीदारी के अलावा, 13 दीपक जलाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा है। माना जाता है कि इन 13 दीपकों का संबंध न केवल धन-समृद्धि से है, बल्कि यह अकाल मृत्यु के भय को दूर कर परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। प्रत्येक दीपक का अपना स्थान और विशिष्ट उद्देश्य होता है। आइए जानते हैं विस्तार से :

13 दीपकों को जलाने का सही क्रम और स्थान:

  • पहला दीया: यह दीया घर के बाहर, मुख्य द्वार के पास कचरे के ढेर के पास या दहलीज पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके लगाना चाहिए। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। यह परिवार के सदस्यों को अप्रत्याशित या अकाल मृत्यु के खतरे से बचाता है। यह दीपक चार बत्तियों वाला हो सकता है और इसे सरसों के तेल से जलाया जाता है।
  • दूसरा दीया: घर के पूजाघर में, देवी-देवताओं के समक्ष दूसरा दीया लगाना चाहिए जिससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दीये में शुद्ध घी और केसर का एक धागा डालना शुभ माना जाता है।
  • तीसरा दीया: यह दीया घर के मुख्य द्वार पर रखना चाहिए। यह दीया घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखता है और परिवार को नजर दोष से बचाता है।
  • चौथा दीया: घर की तुलसी के पौधे के पास चौथा दिया रखना चाहिए। तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। यह दीया घर में समृद्धि और खुशहाली लाता है।
  • पांचवा दीया: घर की छत पर या सबसे ऊंचे स्थान पर। यह घर की सुरक्षा और सभी तरह के वास्तु दोषों को दूर करने का प्रतीक है।
  • छठा दीया: पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए। पीपल में लक्ष्मी का वास माना जाता है, जिससे सेहत और पैसों से जुड़ी दिक्कतें खत्म होती हैं।
  • सातवां दीया: यह धर्म और आस्था के प्रति समर्पण व्यक्त करता है।
  • आठवां दीया: कूड़े के पास या घर के स्टोर रूम में दीया जलाना दरिद्रता का नाश करता है।
  • नौवां दीया: नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकने के लिए वॉशरूम के बाहर दीया रखें।
  • दसवां दीया: यह दीया घर को बुरी और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने में मददगार है।
  • ग्यारहवां दीया: उत्सव का माहौल और जश्न बनाए रखने के लिए ग्यारहवां दीया घर की छत पर या घर की ऊंचाई पर रखें।
  • बारहवां दीया: धनतेरस की रात बेल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से धन और सुख-समृद्धि में विशेष वृद्धि होती है।
  • तेरहवां दीया: तेरहवें दीये को घर के चौराहे पर जलाना शुभ माना जाता है, जो जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है।

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