जमुनिया(कटेला) रत्न के लाभ और फायदे

कटैला रत्न
जमुनिया स्‍टोन को हिंदी में कटेला और अंग्रेजी में एमेथिस्‍ट स्‍टोन भी कहा जाता है। इसके जामुनी रंग के कारण इस स्‍टोन को जमुनिया कहते हैं।

जमुनिया रत्न के लाभ और फायदे –
जीवन में मुश्किलें आती रहती हैं लेकिन कुछ लोगों का स्‍वभाव ऐसा होता है कि वे संकट में बहुत जल्‍दी हार मान जाते हैं। अगर आप भी ऐसे हैं, तो जमुनिया रत्‍न आपको मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने के लिए हिम्‍मत और आत्‍मविश्‍वास दे सकता है।

एमेथिस्‍ट स्‍टोन यानि जमुनिया रत्‍न को पहनने से व्‍यक्‍ति अपनी जिम्‍मेदारियों को गंभीरता से लेता है और उसकी सोच-समझ भी बेहतर होती है।
किसी भी तरह की बुरी लत से छुटकारा पाने में कटेला रत्‍न मदद करता है। शराब पीने की लत हो या कोई बुरी आदत हो, तो आप इस रत्‍न काे पहन सकते हैं।
रीढ़ की हड्डी में दर्द, घुटनों या कंधों में दर्द से राहत पाने के लिए आप जमुनिया रत्‍न धारण कर सकते हैं।
यदि कोई व्‍यक्‍ति शनि की साढ़े साती, शनि की ढैय्या या शनि की महादशा से गुजर रहा है तो उसे यह रत्‍न जरूर पहनना चाहिए। यह चमत्‍कारिक रत्‍न आपको शनि के बुरे और अशुभ प्रभाव से बचा सकता है।
कटेला मन को शांत करता है। डिप्रेशन, तनाव या अन्‍य किसी प्रकार की मानसिक समस्‍या को कटेला स्‍टाने से ठीक किया जा सकता है। एमेथिस्‍ट दिमाग में चल रहे तनाव और चिंता को दूर कर सकता है। यह अनिद्रा, एंग्‍जायटी, डर और डिप्रेशन के इलाज में बहुत लाभकारी है। मानसिक एकाग्रता, ध्‍यान शक्‍ति और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए एमेथिस्‍ट से बेहतर और कोई रत्‍न नहीं है।
यदि आप ठीक तरह से कुछ सोच नहीं पा रहे हैं या आपको ऐसा लगता है कि दिमाग में कुछ ब्‍लॉकेज हो रही है, आपको अपना रास्‍ता साफ दिखाई नहीं दे रहा है, तो यह स्‍टोन आपकी मदद कर सकता है। पढ़ाई, रिसर्च और स्‍कोलर में यह स्‍टोन आपको सफलता दिला सकता है।
कोशिकाओं को पुर्नजीवित करने और शरीर को साफ करने के लिए कुछ वैकल्पिक दवाओं में एमेथिस्‍ट उपयोगी माना गया है। आर्थराइटिस यानि गठिया, हड्डी के कैंसर और लकवे की बीमारी के इलाज में भी इस स्‍टोन को पहनने से लाभ मिलता है।
जमुनिया स्‍टोन आपके लिए वो अवसर खोल सकता है, जिनकी आपने उम्‍मीद ना की हो। इसे आप भौतिक और आर्थिक सुख पाने के लिए भी पहन सकते हैं। यह रत्‍न टूटे हुए रिश्‍तों को जोड़ने की शक्‍ति रखता है।
जमुनिया स्‍टोन का कौन-सा ग्रह –
जमुनिया रत्‍न का ग्रह शनि है और यह नीलम रत्‍न का उपरत्‍न है। शनि ग्रह का प्रमुख रत्‍न नीलम होता है और इस ग्रह के उपरत्‍न के रूप में जमुनिया को जाना जाता है। यदि कोई व्‍यक्‍ति किसी कारणवश नीलम स्‍टोन नहीं पहन पा रहा है, तो वह इसके उपरत्‍न जमुनिया स्‍टोन को पहन सकता है।

किसे धारण करना चाहिए जमुनिया –
मकर राशि के जातकों के लिए जमुनिया स्‍टोन बहुत शुभ और लाभकारी होता है। मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के जातक भी इस स्‍टोन को पहन सकते हैं। यदि आपकी कुंडली में शनि देव अशुभ स्‍थान में बैठे हैं या अशुभ प्रभाव दे रहे हैं तो आप जमुनिया रत्‍न पहन सकते हैं।

सुख, समृद्धि, संपन्‍नता, सम्‍मान और धन की कामना रखने वाला व्‍यक्‍ति भी इस स्‍टोन को पहन सकता है।

इसके अलावा मकर और कुंभ राशि के लोग जमुनिया को पहन सकते हैं। जमुनिया धारण करने से शनि देव की कृपा मिलता है और जातक को धन, सम्‍मान और अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य मिलता है।

जमुनिया रत्न पहनने की विधि/जमुनिया रत्न धारण करने की विधि –
शनि का उपरत्‍न होने के कारण इस स्‍टोन को शनिवार के दिन ही पहनना चाहिए। एमेथिस्‍ट को चांदी में पहनना सबसे ज्‍यादा बेहतर रहता है। इसके बाद आप इसे प्‍लैटिनम में भी पहन सकते हैं। हो सके तो एमेथिस्‍ट स्‍टोन को सोने की धातु में ना ही पहनें।

शनिवार की सुबह उठने के बाद स्‍नान कर लें और घर के पूजन स्‍थल में साफ आसन पर बैठ जाएं। अब एमेथिस्‍ट को गंगाजल में डुबोकर रख दें और 108 बार शनि के मंत्र ‘ऊं शं शनैश्‍चराय नम:’ मंत्र का जाप करें। मंत्र जापे के बाद सीधे हाथ की मध्‍यमा यानि बीच की अंगुली में जमुनिया स्‍टोन को पहन लें।

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